दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम आपके लिए लाए हैं banking jankari hai kya अगर बैंक में आपका खाता है , तो यह नियम आपको जरूर जानना चाहिए । यह कुछ बेहतरीन और महत्वपूर्ण जानकारियां जो आपके दैनिक दिनचर्या में बहुत काम आएगी ।
इस पोस्ट में हम बैंक से जुड़ी जानकारी और परेशानियों के बारे में डिस्कस करने वाले हैं , आप हमारे खूबसूरत सा सुंदर सा आर्टिकल ।
बैंक खाते में नॉमिनी का क्या अधिकार है मौत के बारे में.
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आमतौर पर जब एक खातेदारी की मृत्यु हो जाती है तो ऐसे में अकाउंट बंद हो जाता है ,और उसे अकाउंट के सारे रुपए सरकार के खाते में जमा किए जा सकते हैं, इसीलिए जिसका अकाउंट है, उसका पैसा का कोई कानूनी उत्तराधिकारी हो इसीलिए नॉमिनी के रूप में उसके बच्चे , या वाइफ या हसबैंड का नाम दिया जाता है .
ताकि मृत्यु के बाद नॉमिनी के रूप में मृत्यु होने वाले व्यक्ति के परिवार को जो उसका नॉमिनी है उसके खाते में उसके सारे रुपए ट्रांसफर किया जा सके. या फिर नॉमिनी के हाथों से खाताधारक का पैसा निकाला जा सके , इसीलिए अकाउंट में नॉमिनी का नाम दिया जाता है.
यदि बैंक खाते का उपयोग नहीं किया जाता है तो क्या होता है.
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दोस्तों आम तौर पर कभी-कभी ऐसा हो जाता है कि साल 2 साल तक व्यक्ति बाहर कमाने के वास्ते चला जाता है, और साल 2 साल तक अपने बैंक से खाता निकासी नहीं कर पता है लेनदेन नहीं कर पता है , ऐसी स्थिति में बैंक वाले उसके खाते पर बैंड लगा देते हैं .
जिससे कोई भी उसके खाते से पैसा लेनदेन नहीं कर सके फिर वह जब आता है , तब उसे केवाईसी के रूप में खाता सक्रिय करने के लिए अपना आधार कार्ड और बैंक पासबुक और फिर से एक फोटो और एक फॉर्म जो बैंक द्वारा खाता खोले जाने का फॉर्म होता है , इन सभी को फिलप करके भर के बैंक वाले को देना पड़ता है , ताकि फिर से उसका खाता सक्रिय हो सके.
मृत्यु के बाद बैंक खाते का मालिक कौन होता है.
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दोस्तों इस समस्या का हाल आपके लिए जानना बहुत जरूरी है , कि जब कोई मर जाए या उसकी मृत्यु हो जाए और उसका बैंक में खाता है तो मृत्यु के पश्चात उसके बैंक खाते का मालिक कौन होता है .
यदि खाताधारक अविवाहित और की संतान है तो संपत्ति और बैंक खाते का मूल निकटतम रिश्तेदारों को मिलेगा , जिसमें माता-पिता या भाई बहन शामिल हो सकते हैं. लेकिन नए नियम के अनुसार खाता धड़क के खाते में जिसका नॉमिनी के रूप में नाम होता है उसी को मलिकाना हक के रूप में उसके खाते से पैसे निकालने की अनुमति दी गई है ।
कितने दिनों बाद बैंक खाता बंद हो जाता है।
दोस्तों पहले आमतौर पर इसकी अवधि 2 साल की थी 2 साल तक रुपया लेनदेन नहीं करने पर खाता बंद कर दिया जाता था, लेकिन नए नियम के अनुसार 6 महीने के भीतर अगर किसी के खाते से अस्थाई और या स्थाई सक्रिय व्यंजन नहीं किया जाता है, तो उसके खाते को बंद कर दिया जाता है.
फिर से उसे खाता शुरू करने के लिए केवाईसी दस्तावेजों के साथ खाताधारक के साथ बैंक शाखा में उपस्थित होना बहुत जरूरी होता है , केवाईसी पूरा होने के पश्चात ही उसके खाते से पैसा रुपया निकासी किया जा सकता है , इसमें लगभग एक सप्ताह का वक्त लग जाता है कभी-कभी अच्छा सुविधा होने पर केवाईसी के प्रकिया 2 से 3 दिन में भी पूरी की जा सकती है ।
बैंक एटीएम पिन भूल जाने पर क्या क्या करें क्या ना करें।
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बहुत लोगों के मन में ऐसा भ्रांति रहता है , कि एटीएम का पिन भूल गया तो , एटीएम कोई काम का नहीं रहा , बिल्कुल गलत निर्णय हो सकता है , क्योंकि इसका भी एक सॉल्यूशन है, अगर आप एटीएम का पिन भूल गए हैं , तो आप अपने ब्रांच के एटीएम में जाएं या फिर किसी भी एटीएम में जाए जिस बैंक का आपका खाता है.
इस ब्रांच का एटीएम होना आवश्यक है , और फिर उसमें नया पिन जनरेट कर सकते हैं , उसके लिए आपको अपने मोबाइल नंबर की आवश्यकता होगी , और आपके अकाउंट नंबर की आवश्यकता होगी, कुछ बैंक ऐसे भी है जो ना तो मोबाइल नंबर की आवश्यकता होती है, ना ही अकाउंट नंबर की आवश्यकता होती है,, एटीएम पिन जैसे ही एटीएम में डालते हैं और जब पिन जेनरेट पर क्लिक करते हैं, तो आपके नंबर पर एक ओटीपी आता है उसे ओटीपी वेरीफाई करने के बाद आपका पिन जनरेट हो जाता है.
व्यक्ति के जिंदा रहते हुए खाता क्यों नहीं बंद करना चाहिए ?
अगर कोई व्यक्ति जिंदा है , तो कभी भी उसके खाते को बंद नहीं करना चाहिए , क्योंकि बैंक नियम के अनुसार अगर आपके बैंक में किसी भी बैंक में खाता है, और अगर आप खुद से उसे बैंक में खाता बंद करते हैं , तो उसके लिए आपको आवेदन देना होगा , और अगर आप आवेदन देकर खाता बंद करवा देते हैं.
तो फिर आपको उसे बैंक में कहीं भी खाता नहीं खुलेगा एग्जांपल के लिए अगर आपका एसबीआई ब्रांच में खाता है और अपने खाता बंद कर दिया तो भारत के किसी भी एसबीआई ब्रांच में आपका खाता नहीं खुलेगा इसीलिए व्यक्ति के जिंदा रहते हुए कभी भी खाता बंद नहीं करना चाहिए.
पासबुक खो जाने पर क्या करें क्या ना करें
अगर आपका पासबुक किसी कारणवश खो जाता है , तो आपको निराश होने की जरूरत नहीं है , कि हमारा पैसा डूब गया इसके लिए आपको एक बैंक में आवेदन देना होगा और एक थाना प्रभारी को आवेदन देना होगा , थाना प्रभारी जैसे वेरीफाई करेंगे .
फिर करने के बाद आपको एक कॉपी अपने बैंक ऑफिस में जमा देना होगा , फिर बैंक के कर्मचारी आपके खाते का पैसा एक डुप्लीकेट पासबुक के थ्रू मिल जाएगा तो अगर आपका पासबुक खो गया है, तो आप सीधे अपने बैंक में जाएं वहां से आपको सभी प्रकार की सहायता मिल जाएगी.
किसी भी बैंक का आईएफएससी कोड कैसे निकाले .
अगर आपका किसी भी ब्रांच में खाता है और आपका अकाउंट नंबर याद है , और IFSC CODE आईएफएससी कोड भूल गए हैं , तो सीधी आप अपने ब्रांच के नाम से गूगल पर सर्च करें , एग्जांपल के लिए बरही ब्रांच का आईएफएससी कोड क्या है ।
आपको इस प्रकार से लिखना है , फिर आपका आईएफएससी कोड बहुत ही आसानी से मिल जाएगा, और अगर आप किसी भी बैंक का फॉर्म जिससे खाता खुलता है , उसे डाउनलोड करना चाहते हैं, तो आपको बैंक के ऑफिसियल वेबसाइट से खाता खोलने का फॉर्म भी उपलब्ध हो जाएगा।
Final words
banking jankari hai kya अगर बैंक में खाता है तो यह नियम जानना चाहिए : आशा करते हैं कि यह बैंक की जानकारी आपको अच्छी लगी होगी और भी ऐसी बेहतरीन जानकारी के लिए आप वेबसाइट पर बने रहे और अगर आपके मन में बैंक से जुड़ी कोई भी क्वेश्चन है तो आप जरूर कमेंट करें हमें आपके प्रश्न का हमेशा इंतजार रहता है फिर मिलते हैं खूबसूरत आर्टिकल के साथ में तब तक के लिए जय हिंद