हेलो मेरे प्यारे दोस्तों आप सभी के लिए प्रस्तुत है 25+ shayar Iqbal ki shayari collection उर्दू के मशहूर शायर इकबाल की चुनिंदा शायरी , इस पोस्ट में उर्दू के मशहूर शायर इकबाल साहब की शायरी प्रस्तुत करने वाले हैं, इस पोस्ट में इकबाल साहब की चुनिंदा शायरी की फोटो चुनिंदा शायरी की संग्रह , उर्दू की शायरी , उर्दू के मशहूर शायरी प्रस्तुत करने वाले हैं ,
इस शायरी को लिखा गया है इकबाल साहब के द्वारा और इस शायरी को सजाया गया है , पवन सागर के द्वारा इस शायरी को आप किसी भी सोशल मीडिया फेसबुक , यूट्यूब , गूगल , इंस्टाग्राम , व्हाट्सएप पर शेयर कर सकते हैं.
उर्दू के मशहूर शायर का जन्म 9 नवंबर 1877 में सियालकोट में हुआ था सियालकोट अब पाकिस्तान में पाया जाता है , उनके वाली एक मामूली व्यापारी थे उसके बावजूद भी, उन्होंने अपने बेटे को उर्दू फारसी , अरबी और अंग्रेजी की तालीम दिलाई ,, इकबाल के बड़े भाई आता मोहम्मद अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद इंजीनियर बन गए, लेकिन इकबाल ने सियालकोट से मा करने के बाद लाहौर में गवर्नमेंट कॉलेज में दाखिला करवा लिया , और प्रोफेसर बन के राइटर बनने का निश्चय किया .
उर्दू फारसी के इस शेयर का इंतकाल 1938 ईस्वी में 65 साल की उम्र में हो गया जिन्हें लाहौर के बाद शाही मस्जिद के बाबर में दफना दिया गया इकबाल आज भी हर दिल के अजीज बने हुए हैं आगे भी बने रहेंगे इसलिए उन्होंने कहा है।
shayar Iqbal ki shayari
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“खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले
ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है”
वही मेरी कम नसीबी, वही तेरी बे नियाज़ी
मिरे काम कुछ न आया यह कमाले-बे नवाज़ी
मैं कहां हूं तू कहां है यह मकां कि ला-मकां है
यह जहां मिरा जहां है कि तेरी करिश्मा-साज़ी
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वो फ़रेब ख़ुर्दा-शाही कि पता हो करगसों’ में
उसे क्या ख़बर कि क्या है रहो-ररमे शाहबाज़ी
नहीं फुक़ो-सलतनत’ में कोई इम्तियाज़ ऐसा
यह सिपिह’ की तेज़बाज़ी’ वह निगिह की तेज़बाज़्ज़
कोई कारवाँ से टूटा, कोई बद गुमां हरम से
कि अमीरे-कारवां में नहीं खाए-दिलनवाज़ी
Good morning shayari in hindi top 10
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Iqbal ki shayari photo
या रब यह जहाने-गुज़राँ खूब है लेकिन
क्यों ख़्वार हैं मर्दाने’-सफ़ाकेशो-हुनर मन्द
गो उसकी ख़ुदाई में महाजन का भी है हाथ
दुनिया तो समझती है फ़िरंगी’ को ख़ुदा वन्द !
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फ़िर्दोस’ जो तेरा है किसी ने नहीं देखा
अफ़रंग का हर क़रिया’ है फ़िर्दोस के मानन्द
अपने भी ख़फ़ा मुझ से हैं बेगाने भी नाखुश
मैं ज़हरे-हलाहल को कभी कह न सका क़न्द
चुप रह न सका हज़रते-यज़दां में भी ‘इक़बाल’
करता कोई इस बन्दाए-गुस्ताख़ का मुँह बन्द !
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shayar Iqbal ki shayari status
बहुत देखे हैं मैंने मश्रिको-मग़रिब के मय ख़ाने
यहां साक़ी नही पैदा, वहाँ बे ज़ौक़’ है सहबा²
हुजूरे-हक़ में इस्राफ़ील’ ने मेरी शिकायत की
यह बन्दा वक़्त से पहले क़यामत कर न दे बर्पा
दबा रक्खा है इसको ज़ख़्मादर की तेज़ दस्ती ने
बहुत नीचे सुरों में है अभी योरूप का वावेला
इसी दरिया से उठती है वो मौजे-तुन्द जौलाँ’ भी
निहंगों के नशेमन जिससे होते हैं तहो-बाला
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shayar Iqbal ki shayari images
पुर है अफ़कार से इन मदरसे वालों का ज़मीर खूब-ओ-ना-खूब की इस दौर में किसको तमीज़
चाहिए ख़ाना-ए-दिल की कोई मंज़िल ख़ाली
शायद आ जाए कहीं से कोई मेहमाने-अज़ीज़’
मजदूर को जाक
तालिबे-इल्म ख़ुदा मुझे किसी तूफ़ां से आशना’ कर दे
कि तेरे बहर’ की मौजों में इज़तराब नहीं
तुझे किताब से मुमकिन नहीं फ़राग’ कि तू
किताब-ख़्वां है मगर साहबे-किताब’ नहीं
औरत हज़ार बार हकीमों ने इसको सुलझाया
मगर यह मसअला-ए-ज़न’ रहा वहीं का वहीं
क़सूर ज़न का नहीं है कुछ इस ख़राबी में
गवाह उनकी शराफ़त पे हैं मह-ओ-परवीं 10
फ़साद का है फ़िरंगी-मआशरत में
ज़हूर कि मर्द सादा है, बेचारा ज़न-शनास” नहीं
…
बन्दा-ए-मज़दूर को जाकर मिरा पैग़ाम दे
ख़िज्र का पैग़ाम क्या है यह पयामे-कायनात
ऐ कि तुझको खा गया सरमायदारे-हीलागर’
शाखे-आहू पर रही सदियों तलक तेरी बरात
दस्ते-दौलत-आफ़री’ को मुज़्द’ यों मिलती रही
अहले-सरवत’ जैसे देते हैं ग़रीबों को ज़कात
नस्ल-क़ौमिय्यत, कलीसा, सल्तनत, तहज़ीब, रंग
ख़्वाज़गी’ ने खूब चुन-चुनकर बनाए मुस्करात
best of shayar Iqbal ki shayari
कट मरा नादां ख़याली देवताओं के लिए
सुक्र’ की लज़्ज़त में तू लुटवा गया नक्दे-हयात
मक्र की चालों से बाज़ी ले गया सरमायादार इंतिहा-ए-सादगी में खा गया मज़दूर मात
उठ कि अब बज़्मे-जहां का और ही अंदाज़ है मशरिक़-ओ-मग़रिब में तेरे दौर का आग़ाज़ है
दोस्तों 25+ shayar Iqbal ki shayari collection , Iqbal ki urdu shayari in hindi उर्दू के मशहूर शायर इकबाल और उनकी चुनिंदा शायरी आपको कैसी लगी, एक बार कमेंट करके हमें जरूर बताएं . आशा करते हैं आपको शायरी प्लेटफार्म पर आकर अच्छा लगा होगा , शायरी प्लेटफार्म पर अपना बहुमूल्य वक्त देने के लिए ,आपका और आपके पूरे परिवार को हम तहे दिल से शुक्रिया अदा और धन्यवाद करते हैं,
फिर मिलेंगे शायद इकबाल की खूबसूरत लफ्जों और कुछ और दिल को छू जाने वाली शायरी के, साथ में तब तक के लिए हंसते रहिए मुस्कुराते रहिए, स्वस्थ रहिए मस्त रहिए जहां भी रहिए प्यार में व्यस्त रहिए।